Music academy, संगीत विद्यालय
हेलो दोस्तों यदि आप म्यूजिक सीखना चाहते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है हमारे आसपास पहले कोई म्यूजिक अकैडमी नहीं थी जिसकी वजह से हमारे आसपास के बच्चे म्यूजिक के ज्ञान से वंचित थे। हम सब यह तो जानते हैं कि संगीत के बिना हमारा जीवन बिल्कुल अधूरा सा है। आजकल संगीत के क्षेत्र में बहुत लोगों ने काफी ऊंचाइयों को हासिल किया जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों से भारी संख्या से स्टूडेंट्स ने भाग लिया और सफल हुए।
कुछ वाद्य यंत्र हैं जिनको सीखने से आपको कई तरह के लाभ होते हैं जैसे कुछ लोग हमेशा परेशान से रहते हैं डिप्रेशन के शिकार होते हैं या फिर एंजाइटी के शिकार रहते हैं हमेशा डरे डरे रहते हैं या फिर किसी बात की चिंता लगी रहती है ऐसे में इसका हमारे शरीर पर बहुत बड़ा दुष्परिणाम होता है जिसके कारण भविष्य में हमें कई घातक बीमारियों का सामना करना पड़ता है लेकिन यदि हम किसी भी माध्यम से संगीत के साथ जुड़ सकते हैं तो हम इन बीमारियों पर काबू पा सकते हैं ।
या फिर वह स्टूडेंट जो संगीत की दुनिया में कामयाबी हासिल करना चाहते हैं जैसे सिंगिंग या फिर कोई भी म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट प्ले करना सीखना चाहते हैं सुबह हमारे इंस्टिट्यूट पर आकर अपने करियर को नई दिशा दे सकते हैं इंस्टिट्यूट का नाम मैं आपको नीचे दे दूंगा ।
हमारे द्वारा दी जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण सर्विस के बारे में नीचे आपको संक्षेप में दीया गया है।
1. हारमोनियम-
harmonium एक कीबोर्ड इंस्ट्रूमेंट है इसे मेलोडियन, रीड ऑर्गन और पंप ऑर्गन भी कहते हैं इसमें लगे हुए reeds की सहायता से इसमें वायु का प्रवाह देने से यह Sound produce करता है जोकि अलग-अलग बीच और अलग-अलग Nots पर Tuned किया हुआ होता है।2. Guitar-
3. ढोलक-
ढोलक या ढोलकी हाथ छड़ी से बजाए जाने वाले वाद्य यंत्र जिनको ज्यादातर लोकगीत या सांस्कृतिक प्रोग्राम में ताल देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। होली के गीतों में ढोलक का बहुत इस्तेमाल होता है और इसको ज्यादातर हाथो के द्वारा ही बजाया जाता है जबकि ढोल को खास प्रकार की छड़ी के द्वारा बजाया जाता है। ढोलक को आम, शीशम, बीजा या नीम की लकड़ी से बनाया जाता है। इसके दोनों साइड बकरे की खाल को डोरी की सहायता से बांधा जाता है और डोरी में छल्ले लगे रहते हैं जो ढोलक का स्वर्ग को बनाने में काम आते हैं।4. तबला-
तबले के द्वारा भारतीय संगीत में ताल वाद्य दिया जाता हैजो मुख्य रूप से दक्षिण एशियाई देशों में बहुत प्रचलित है। इसमें ढोलक के जैसे ही दो लकड़ी के drum ड्रम का इस्तेमाल किया जाता है जिनके ऊपर बकरे की खाल को एक डोरी की सहायता से बांधकर उनको इस्तेमाल में लाया जाता है।5. Singing-
6. Electronic Keyboard-
और भी बहुत सारी चीजें आपको उचित फीस लेकर सिखाई जाती है
Melody Music Academy
मिस्टर सनी सरवाल
Adress - Village Chosana, Shamli ( West UP)
Mob - 96 90 796 910
Good
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